जेलों नेम भेम नहीं मन में पग पाछो मत मेलो

जेलों नेम भेम नहीं मन में,
पग पाछो मत मेलो,
कनीरामजी प्रेम प्यालो जेलों।।



परमारथ की सार बताई माने,

दियो धर्म को हेलो,
जो सुख छावो जन्म मरण को,
चंद्रकला संग खेलो,
कनीरामजी प्रेम प्यालो जेलों।।



तन मन धन मारा गुरूजी ने सुपीया,

मन ने वियों मारो मेलो,
परवानिया के भेला रमिया,
जद माने पद प्रखायो पेलो,
कनीरामजी प्रेम प्यालो जेलों।।



करणी काट राम घर आये,

अब मारो लेखो बनेलो,
लाख चौरासी मु बाहर काड़िया,
अब नहीं कोई जन्म धरेलो,
कनीरामजी प्रेम प्यालो जेलों।।



पदम गुरु प्रवाणी मिलिया,

मे पदम रामजी को चलो,
गुर्जर गरीबी मे कनीरामजी बोले,
अब अमरापुर मे मारो हेलो,
कनीरामजी प्रेम प्यालो जेलों।।



जेलों नेम भेम नहीं मन में,

पग पाछो मत मेलो,
कनीरामजी प्रेम प्यालो जेलों।।

गायक – राधेश्याम गुर्जर सोपुरा।
8875483454


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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