ओम जय शिव ओंकारा,
हर हर शिव ओंकारा,
गंगा जटा समाए आपके,
जिसने जग तारा।।
जय भयहारक पातक तारक,
जय जय अविनाशी,
जय महेश जय आदिदेव,
जय जय कैलाशी,
कृपा आपकी से मिटता है,
मन का अंधियारा।।
जय त्रिपुरारी जय मदहारी,
भक्तन हितकारी,
जय डमरुधर जय नागेश्वर,
भोले भंडारी,
मेरी बड़ी भूल को प्रभु ने,
पल में निस्तारा।।
जो शिव को नाहीं समझे,
वह बड़ा है अज्ञानी,
पग पग पर वह ठोकर खाता,
ऐसा अभिमानी,
शिव कृपा से जगमग करता,
है यह जग सारा।।
ओम जय शिव ओंकारा,
हर हर शिव ओंकारा,
गंगा जटा समाए आपके,
जिसने जग तारा।।
गायक – सुरेश वाडेकर जी।
लेखक / प्रेषक – एन.आर नीलकंठ।
7738294599