क्या खूब सजा दरबार,
ये देखो भक्तो का है मेला,
श्री बाबोसा के द्वार पे भक्तो,
है मंजर अलबेला,
दिल में ज्योत जलाकर प्रेम से,
जय बाबोसा बोल,
बाबोसा बाबोसा जय बाबोसा बोंल,
बाबोसा बाबोसा जय बाबोसा बोल।।
तर्ज – नगाड़ा नगाड़ा।
बड़े दिनों के बाद है आई,
कीर्तन की ये रात,
किस्मत वालो को ही मिलती,
है ऐसी सौगात,
आएंगे श्री बाबोसा,
मन मंदिर के पट खोल,
बाबोसा बाबोसा जय बाबोसा बोंल,
बाबोसा बाबोसा जय बाबोसा बोल।।
छप्पन भोग लगाकर,
पावन ज्योत जलायेगे,
हाँ बाबोसा को मीठे मीठे,
भजन सुनाएंगे,
झूमेंगे भक्ति में आओ,
समय बड़ा अनमोल,
बाबोसा बाबोसा जय बाबोसा बोंल,
बाबोसा बाबोसा जय बाबोसा बोल।।
बाईसा जो आये है तो,
बाबोसा भी आयेगे,
‘दिलबर’ अपने भक्तों को,
वो गले लगाएंगे,
जिस पर हो जाये कृपा,
उनको मिलता बिन मोल,
बाबोसा बाबोसा जय बाबोसा बोंल,
बाबोसा बाबोसा जय बाबोसा बोल।।
क्या खूब सजा दरबार,
ये देखो भक्तो का है मेला,
श्री बाबोसा के द्वार पे भक्तो,
है मंजर अलबेला,
दिल मे ज्योत जलाकर प्रेम से,
जय बाबोसा बोल,
बाबोसा बाबोसा जय बाबोसा बोंल,
बाबोसा बाबोसा जय बाबोसा बोल।।
गायक – मनीष भाट मुम्बई।
लेखक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365