जरा चल के अयोध्या जी में देखो राम सरयू नहाते मिलेंगे लिरिक्स

जरा चल के अयोध्या जी में देखो,
राम सरयू नहाते मिलेंगे।।



जन्मभूमि पे मंदिर बनेगा,

जिसके रखवाले बजरंगबली है,
अंजनीलाल अपनी गदा से,
पापियों को मिटाते मिलेंगे,
जरा चलके अयोध्या जी में देखों,
राम सरयू नहाते मिलेंगे।।



रामजी पर उठाते जो उंगली,

खुद ही उठ जाएँगे इस धरा से,
राम के है जो है राम उनके,
शबरी सा बेर खाते मिलेंगे,
जरा चलके अयोध्या जी में देखों,
राम सरयू नहाते मिलेंगे।।



वीर सुग्रीव है मित्र जिनके,

जिनकी सेना में नल नील अंगद,
अपने बाणों से धर्म ध्वजा को,
राक्षसों से बचाते मिलेंगे,
जरा चलके अयोध्या जी में देखों,
राम सरयू नहाते मिलेंगे।।



माँ कौशल्या की आँखों के तारे,

राजा दशरथ को प्राणों से प्यारे,
भरत भैया लखन शत्रुघ्न संग,
भक्तो को आते जाते मिलेंगे,
जरा चलके अयोध्या जी में देखों,
राम सरयू नहाते मिलेंगे।।



जो है राघव की प्रिय राजधानी,

राम राजा जहाँ सिता रानी,
‘देवेन्द्र’ ‘कुलदीप’ पर राम किरपा,
भक्त भक्ति लुटाते मिलेंगे,
जरा चलके अयोध्या जी में देखों,
राम सरयू नहाते मिलेंगे।।



जरा चल के अयोध्या जी में देखो,

राम सरयू नहाते मिलेंगे।।

स्वर – देवेन्द्र पाठक जी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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