बाबा ओ मेरे बाबा,
जन्मों जन्मों तक,
अपना ये नाता रहे,
दाता नाता ये,
तुमको भी भाता रहे,
भाता रहे,
बाबा ओ मेरे बाबा।।
तुमने ऐसा किया, मुझ पे जादू,
आता रहता हूं, दर पे मैं खाटू,
लागी तेरी लगन,
रहता तुझमें मगन,
इतना चाहूं, तू मुझको,
बुलाता रहे, बुलाता रहे,
बाबा ओ मेरे बाबा।।
मुझको अपनों ने,जब भी रुलाया,
तुमसे हर दर्द, दिल का छुपाया,
हंस के सब कुछ सहा,
तुझसे कुछ ना कहा,
ताकि हरपल ही तू,
मुस्कुराता रहे मुस्कुराता रहे,
बाबा ओ मेरे बाबा।।
कहता पागल, जब मुझको ज़माना,
याद करता, तुझे ये दीवाना,
तुझे ‘जालान’ कहे, एक ना बाकी रहे,
अपनी रहमत, तू सबपे,
लुटाता रहे, लुटाता रहे,
बाबा ओ मेरे बाबा।।
बाबा ओ मेरे बाबा,
जन्मों जन्मों तक,
अपना ये नाता रहे,
दाता नाता ये,
तुमको भी भाता रहे,
भाता रहे,
बाबा ओ मेरे बाबा।।
स्वर – निशा शर्मा।
भजन लेखक – पवन जालान।
94160-59499 भिवानी (हरियाणा)