जन्मे अवध में,
दशरथ के ललना,
बाजे शंख और नगाड़े,
कौशल्या अंगना,
जन्में अवध में,
दशरथ के ललना।।
तर्ज – पलकों का घर तैयार सांवरे।
त्रेतायुग में विष्णु जी ही,
राम रूप अवतारे,
धरा धाम को धन्य किए थे,
मानव तन को धारे,
आज झूल रहे स्वयं हरि,
चांदी पलना,
जन्में अवध में,
दशरथ के ललना।।
मर्यादा पुरषोत्तम जग में,
रघुनन्दन कहलाए,
दीनदयालु पालनहारे,
न्याय ध्वजा फहराए,
तीनों लोको में बह रही,
राम रसना,
जन्में अवध में,
दशरथ के ललना।।
प्रभु राम के श्री चरणों में,
वंदन बारम्बार है,
बड़ा राम से नाम राम का,
महिमा अपरम्पार है,
करे सुमिरण ‘चोखानी’,
भर आए नैना,
Bhajan Diary Lyrics,
जन्में अवध में,
दशरथ के ललना।।
जन्मे अवध में,
दशरथ के ललना,
बाजे शंख और नगाड़े,
कौशल्या अंगना,
जन्में अवध में,
दशरथ के ललना।।
Singer – Ram Kumar Lakha