जन्मदिन खाटू वाले का,
मनाने आ गए हम भी,
उन्ही के दर पे इक दीपक,
जलाने आ गए हम भी।।
ये दशकों से तमन्ना थी,
तेरा दीदार हो जाए,
तो फिर इस बार अपना दुःख,
सुनाने आ गए हम भी,
जनमदिन खाटू वाले का,
मनाने आ गए हम भी।।
मेवा मिश्री माखन का केक,
श्याम बाबा लाए है,
बंटेगा केक भक्तों में,
जो खाने आ गए हम भी,
जनमदिन खाटू वाले का,
मनाने आ गए हम भी।।
मुझे मालूम है दुनिया की,
बिगड़ी तू बनाता है,
तेरे दरबार में ये सर,
झुकाने आ गए हम भी,
जनमदिन खाटू वाले का,
मनाने आ गए हम भी।।
तुम्हारे भोग की खातिर,
नहीं ‘देवेंद्र’ है कुछ भी,
‘अनुज’ कुछ फूल श्रद्धा के,
चढ़ाने आ गए हम भी ,
जनमदिन खाटू वाले का,
मनाने आ गए हम भी।।
सुगन्धित खुशबु फैली है,
जनम दिन श्याम धणी मेरे,
नगर गलियों को गुलशन सा,
सजाने आ गए हम भी,
जनमदिन खाटू वाले का,
मनाने आ गए हम भी।।
जन्मदिन खाटू वाले का,
मनाने आ गए हम भी,
उन्ही के दर पे इक दीपक,
जलाने आ गए हम भी।।
Singer – Devendra Pathak Ji