जनम लियो गोकुल में गोपाल बृज में खुशियां हैं छाई लिरिक्स

जनम लियो गोकुल में गोपाल,
बृज में खुशियां हैं छाई,
खुशियां हैं छाई बृज में,
खुशियां हैं छाई,
जन्म लियो गोकुल में गोपाल,
बृज में खुशियां हैं छाई।।

तर्ज – काऊ दिन उठ गयो मेरो हाथ।



छवि सलौनी श्याम की देखो,

ऐसी सुखदायी,
नन्द बाबा और जसोदा माता,
देख के हरषाई,
जन्म लियो गोकुल में गोपाल,
बृज में खुशियां हैं छाई।।



रूप सलौना ऐसा मोहना,

औऱ कहीं नाही,
जादू सा कुछ है श्याम के,
नैनन के माहीं,
जन्म लियो गोकुल में गोपाल,
बृज में खुशियां हैं छाई।।



नन्दलाला तेरी झांकी ‘मोहन’,

ऐसी मन भाई,
राज चले इस दिल पे केवल,
तेरो हरजाई,
जन्म लियो गोकुल में गोपाल,
बृज में खुशियां हैं छाई।।



जनम लियो गोकुल में गोपाल,

बृज में खुशियां हैं छाई,
खुशियां हैं छाई बृज में,
खुशियां हैं छाई,
जन्म लियो गोकुल में गोपाल,
बृज में खुशियां हैं छाई।।

Singer – Bhawna Lakwal
लेखक / प्रेषक – प्रशांत सोनी “मोहन”
9253470444


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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