जहाँ चरण पड़े बाईसा के,
मंदिर वहाँ बन जाता,
बाबोसा धाम कहलाता,
बाबोसा धाम कहलाता।।
तर्ज – जहाँ डाल डाल पर सोने की।
श्री बाबोसा ने बाईसा पर,
अपनी कृपा बरसाई,
ॐ बाबोसा, ॐ बाबोसा,
श्री बाबोसा ने बाईसा पर,
अपनी कृपा बरसाई,
श्री बाईसा ने खुद आकर,
हर घर मे प्रतिस्ठा कराई,
और भक्ति की ज्योत जलाई,
जिस धरती का अणु परमाणु,
जय ॐ बाबोसा गाता,
वो धाम नया बन जाता,
बाबोसा धाम कहलाता,
जहां चरण पड़े बाईसा के,
मंदिर वहाँ बन जाता,
बाबोसा धाम कहलाता,
बाबोसा धाम कहलाता।।
जिस घर में हो बाबोसा मंदिर,
उस घर के वारे न्यारे,
ॐ बाबोसा, ॐ बाबोसा,
जिस घर में हो बाबोसा मंदिर,
उस घर के वारे न्यारे,
जहाँ स्वयं बाबोसा आकर के,
अन्न धन से भरे भण्डारे,
अन्न धन से भरे भण्डारे,
नित ज्योत जला बाबोसा की,
भक्ति में जो खो जाता,
वो घर है स्वर्ग बन जाता,
बाबोसा धाम कहलाता,
जहां चरण पड़े बाईसा के,
मंदिर वहाँ बन जाता,
बाबोसा धाम कहलाता,
बाबोसा धाम कहलाता।।
घर घर में हो श्री बाबोसा,
और सुखमय हो संसार,
ॐ बाबोसा, ॐ बाबोसा,
घर घर में हो श्री बाबोसा,
और सुखमय हो संसार,
यही चिंतन करती बाईसा,
ये स्वप्न हो साकार,
मिले खुशियां सबको अपार,
दिल से दिल का नाता ‘दिलबर’,
बाबोसा से जुड़ जाता,
बाबोसा धाम कहलाता,
जहां चरण पड़े बाईसा के,
मंदिर वहाँ बन जाता,
बाबोसा धाम कहलाता,
बाबोसा धाम कहलाता।।
जहाँ चरण पड़े बाईसा के,
मंदिर वहाँ बन जाता,
बाबोसा धाम कहलाता,
बाबोसा धाम कहलाता।।
गायक – सूरज मेहता मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365