जागी जागी जागीजी,
दिवला री ज्योता जागी माँ,
म्हारा सु मत कीजे देवी रुसनो भवानी।।
आज मारे मनडे रा मीठा,
मोर सोवन माँ,
वर्षा सु माता पावनी भवानी,
थारा सेवक थाने मैया,
द्वार पे मनावे ओ,
घर में तो खुशिया लाई मावड़ी,
भवानी,
घर में तो खुशिया लाई मावड़ी।।
लाडू साडू चुरमा माँ,
लिलोडा नारेल जी,
सेवक लायो थारे बहारने भवानी,
सगला हिल मिल आपा माता,
नागणेशी मनावा जी,
संग में काला ने गोरा वीर जी,
भवानी,
संग में काला ने गोरा वीर जी।।
म्हारो मनड़ो थासु लागो,
दूजो नही आवे दाय जी,
सुन ले नागणेची,
म्हारी मावड़ी भवानी,
नागाणा री धरती माथे,
मैया आप विराजो ओ,
सब रे भक्तारी अर्जी सांभलो भवानी।।
ब्रह्मा विष्णु महेश मैया,
थारा ही गुण गावे ओ,
सब रे देवता पूजे आपने भवानी,
सब रे देवता पूजे आपने,
सुन लो अम्बे जगदम्बे,
कृपा म्हापे कीजो,
जग रे कल्याणी मोटी मावड़ी ।।
नागणेची माताजी मैं तो,
थारा ही गुण गावा जी,
सुन ले माताजी मोटी मावड़ी भवानी,
सुन ले माताजी मोटी मावड़ी,
हिमताराम थानी मनावे,
कृपा जिनपे कीजो,
सुनीता री अर्जी माता सांभलो भवानी,
म्हारा सु मत कीजे देवी रुसनो भवानी।।
जागी जागी जागीजी,
दिवला री ज्योता जागी माँ,
म्हारा सु मत कीजे देवी रुसनो भवानी।।
“श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रेषित”
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