जगत में पहले नाम तुम्हारो,
लेत रात जग सारो।।
एकदंत है अंक नवल को,
वाहन मूषक प्यारो,
सुंदर रूप अनूप है लीला,
माथे तिलक न्यारों,
जगत में पहलें नाम तुम्हारो,
लेत रात जग सारो।।
धारक ध्यान मान हित चित से,
जीने नाम उचारो,
भय बाधा सब दूर होते हैं,
काटत काल किनारों,
जगत में पहलें नाम तुम्हारो,
लेत रात जग सारो।।
है कर जोर हमारी बिनती,
बिगड़े काज सवारो,
दीनदयाल दया कर दईयो,
मस्ताना गव आरो,
जगत में पहलें नाम तुम्हारो,
लेत रात जग सारो।।
जगत में पहले नाम तुम्हारो,
लेत रात जग सारो।।
गायक – बाबूलाल मस्ताना।
प्रेषक – दुर्गा प्रसाद पटेल।
9713315873