जादू तेरा सब पे चला,
होगा यही पर आज फैसला,
ये घड़ी आ गई आ गई रे श्याम,
तुझको तो घर मेरे आना पड़ा रे श्याम,
तुझको तो घर मेरे आना पड़ा।।
तर्ज – जिसका मुझे था इंतजार।
तेरे दरश को अखियाँ भी तरसी,
सुने जीवन में जल गई भी बाती,
मुझको भरोसा था एक दिन तू आएगा,
प्यासी प्यासी नैनो की प्यास तू बुझाएगा,
वो घड़ी आ गई आ गई रे श्याम,
तुझको तो घर मेरे आना पड़ा रे श्याम,
तुझको तो घर मेरे आना पड़ा।।
मुझपे जो गुजरी जग क्या जाने,
मैं जानू और या तू जाने,
सपनो में होती थी रोज मुलाकाते,
हकीकत में हो गई है आज अपनी बातें,
वो घड़ी आ गई आ गई रे श्याम,
तुझको तो घर मेरे आना पड़ा रे श्याम,
तुझको तो घर मेरे आना पड़ा।।
हम सब भी तेरे दर पर आए,
आकर तेरे शीश झुकाए,
हमने सुना तू हारे का सहारा है,
‘संजू’ ये तेरा पागल दीवाना है,
ये घड़ी आ गई आ गई रे श्याम,
तुझको तो घर मेरे आना पड़ा रे श्याम,
तुझको तो घर मेरे आना पड़ा।।
जादू तेरा सब पे चला,
होगा यही पर आज फैसला,
ये घड़ी आ गई आ गई रे श्याम,
तुझको तो घर मेरे आना पड़ा रे श्याम,
तुझको तो घर मेरे आना पड़ा।।
Singer – Pramod Bansal