जब से पाया है कन्हैया आपका ये दर भजन लिरिक्स

जब से पाया है कन्हैया,
आपका ये दर,
तब से जग में जी रहा हूँ,
मैं उठा के सर,
जब से पाया है कन्हैंया,
आपका ये दर।।

तर्ज – तुम हमारे थे प्रभु जी।



इस जीवन के इक इक पल को,

प्यार से तुमने संवारा,
दुनिया भर का सुख मेरे बाबा,
तुमने मुझ पर वारा,
तेरे एहसा गिनने लगूँ तो,
बीत जाए उमर,
जब से पाया है कन्हैंया,
आपका ये दर,
तब से जग में जी रहा हूँ,
मैं उठा के सर।।



तेरे नाम का अमृत प्याला,

रोज ही मैं पीता हूँ,
कल की चिंता अब नहीं रहती,
आज में मैं जीता हूँ,
उसे भला क्या चिंता खुद की,
तुझपे जो निर्भर,
जब से पाया है कन्हैंया,
आपका ये दर,
तब से जग में जी रहा हूँ,
मैं उठा के सर।।



जब से तुमने थाम रखी है,

‘सोनू’ की ये कलाई,
आने से पहले लाख दफा ये,
सोचती है कठिनाई,
उस के दिल को कैसे डराए,
जिस का तू दिलबर,
जब से पाया है कन्हैंया,
आपका ये दर,
तब से जग में जी रहा हूँ,
मैं उठा के सर।।



जब से पाया है कन्हैया,

आपका ये दर,
तब से जग में जी रहा हूँ,
मैं उठा के सर,
जब से पाया है कन्हैंया,
आपका ये दर।।

Singer – Reshmi Sharma


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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