जबसे देखी ये प्यारी सी मूरत जैन भजन लिरिक्स

जबसे देखी,
ये प्यारी सी मूरत,
है बड़ी खूबसूरत,
माँ मरूदेवा के लाल की,
मेरे ऋषभ जिणन्द दयाल की,
हो मनोहारी,
ये लागे बड़ी प्यारी,
मैं जाँऊ बलिहारी,
ये मूरत है कमाल की,
मेरे ऋषभ जिणन्द दयाल की।।

तर्ज – ओ फिरकी वाली।



सूरज की किरणें आकर के जिनके,

मुख पे करती उजियारा,
चमक रहा दिव्य तेज ललाट पे,
नैनो से बहे अमिरस धारा,
शीश मुकुट है,
कानो में कुंडल,
गल मोतियन की माला,
डायमंड वाली,
ये अंगिया निराली,
नजर जिसने डाली,
वो हो गया निहाल जी,
मेरे ऋषभ जिणन्द दयाल की।।



देख तुम्हारा श्रंगार हो दादा,

भक्तो का मन हर्षाये,
जी करता है दर्शन करके,
हम तुझमे ही खो जाये,
दर पे तुम्हारे,
आकर दादा,
फिर वापस न जाये,
‘दिलबर’ ‘दिनेश’,
की यही है तमन्ना,
तेरे चरणों में रहना,
ये अर्जी है तेरे लाल की,
दादा रखना मेरा भी ख्याल जी।।



जबसे देखी,

ये प्यारी सी मूरत,
है बड़ी खूबसूरत,
माँ मरूदेवा के लाल की,
मेरे ऋषभ जिणन्द दयाल की,
हो मनोहारी,
ये लागे बड़ी प्यारी,
मैं जाँऊ बलिहारी,
ये मूरत है कमाल की,
मेरे ऋषभ जिणन्द दयाल की।।

गायक – दिनेश जैन।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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