जब जमाने ने ठुकरा दिया,
राधा रानी ने अपना लिया,
आँधिया जब चली,
आई भानु लली,
अपने आँचल में बिठला दिया,
जब जमाने ने ठुकरा दिया।।
तर्ज – ऐ मालिक तेरे बन्दे हम।
अपनों ने सताया बड़ा,
होके छलनी ये दिल रो पड़ा,
गिर पड़ी मैं थकी,
श्यामा रुक ना सकी,
हाथ सर पे यूँ पथरा दिया,
तेरी मस्ती ने पागल किया,
जाने कैसा इशारा दिया,
आँधिया जब चली,
आई भानु लली,
अपने आँचल में बिठला दिया,
जब जमाने ने ठुकरा दिया।।
जब जमाने ने ठुकरा दिया,
राधा रानी ने अपना लिया,
आँधिया जब चली,
आई भानु लली,
अपने आँचल में बिठला दिया,
जब जमाने ने ठुकरा दिया।।
स्वर – साध्वी पूनम दीदी।