जब श्याम मुस्कुराये,
गोपियों का चित चुराए,
ऐसी छवि पे वारी,
जाऊं सदा बिहारी।।
तर्ज – दिल में तुझे बिठा के।
झम नैनो से बरसे देखो,
प्रेम भरा ये सावन,
प्रेम के रंग में भीग गई मैं,
हो गया तन मन पावन,
मुझपे करुणा दृष्टि रखना,
ऐ मेरे मन मोहन,
श्याम पलकें जब गिराए,
और पलकें जब उठाये,
ऐसी निगाह पे वारी,
जाऊं सदा बिहारी,
ऐसी छवि पे वारी,
जाऊं सदा बिहारी।।
काली लटे है माथे पे इनके,
चंद्र तिलक मन भावे,
अधरों पे है श्याम की मुरली,
सबकी सुध बिसरावे,
मोर मुकुट तेरे शीश पे सोहे,
गल बैजंती माला,
श्याम मुरली मधुर बजाये,
राधा भी दौड़ी आये,
ऐसी वेणु पे वारी,
जाऊं सदा बिहारी,
ऐसी छवि पे वारी,
जाऊं सदा बिहारी।।
इनके हाथों में मेहन्दी सोहे,
पाँव में पैजनिया,
नाक में इनके मोतियाँ बिराजे,
हाथों में कंगनिया,
चाल तेरी मन मोहे सदा,
नैनन में ये बस जाए,
साँसों में तुम समाये,
‘मुस्कान’ महिमा गाये,
मेरे श्याम पे मैं वारी,
जाऊं सदा बिहारी,
ऐसी छवि पे वारी,
जाऊं सदा बिहारी।।
जब श्याम मुस्कुराये,
गोपियों का चित चुराए,
ऐसी छवि पे वारी,
जाऊं सदा बिहारी।।
Singer – Muskan Sharma