जबसे थामा है तूने साँवरिया मेरा हाथ भजन लिरिक्स

जबसे थामा है,
तूने साँवरिया मेरा हाथ,
खुद ही बन जाती मेरी,
खुद ही बन जाती मेरी,
बिगड़ी हर बात,
जबसें थामा है,
तूने साँवरिया मेरा हाथ।।

तर्ज – किस्मत वालों को।



हार गया था मैं तो मनमोहन,

पतझड़ सा बन गया था ये जीवन,
नज़र उठा कर जब तूने देखा,
बदल गई इस किस्मत की रेखा,
अब तो रहता है मेरे,
अब तो रहता है मेरे,
हर पल तू साथ,
जबसें थामा है,
तूने साँवरिया मेरा हाथ।।



तूने किया है मेरे लिए जितना,

कोई नही कर सकता है उतना,
कर्ज़ तेरा मैं कैसे चुकाऊंगा,
एहसान तले दबा हूँ मैं इतना,
हारे का साथी तू ही,
हारे का साथी तू ही,
दीनो का नाथ,
जबसें थामा है,
तूने साँवरिया मेरा हाथ।।



परवाह नहीं जो भंवर मैं नैया है,

अब तो मेरे साथ कन्हैया है,
‘अमन’ कभी तू डूब नहीं सकता,
श्याम ने पकड़ी तेरी बईया है,
कर देगा पार ये नैया,
कर देगा पार ये नैया,
बिन पतवार,
जबसें थामा है,
तूने साँवरिया मेरा हाथ।।



जबसे थामा है,

तूने साँवरिया मेरा हाथ,
खुद ही बन जाती मेरी,
खुद ही बन जाती मेरी,
बिगड़ी हर बात,
जबसें थामा है,
तूने साँवरिया मेरा हाथ।।

स्वर – मुकेश बागड़ा जी।
प्रेषक – बसंत शर्मा (जोधपुर)


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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