जबसे आया मैं तेरे दरबार सांवरे,
तूने इतना दिया है मुझे प्यार सांवरे,
नहीं भूलूँ कभी भी मैं तेरे उपकार सांवरे,
जबसें आया मैं तेरे दरबार साँवरे,
तूने इतना दिया है मुझे प्यार सांवरे।।
तर्ज – मेरे हाथों में नौ नौ।
छोटी छोटी खुशियों को भी तरसते थे,
दिल ही दिल में कन्हैया हम तड़पते थे,
मेरा दिल भी यही कहता अब हर बार सांवरे,
जबसें आया मैं तेरे दरबार साँवरे,
तूने इतना दिया है मुझे प्यार सांवरे।।
जबसे तुमसे कन्हैया मेरी यारी हो गई,
खाटू आने की मुझको बिमारी हो गई,
तेरे दर्शन से मिलता है मुझको करार सांवरे,
जबसें आया मैं तेरे दरबार साँवरे,
तूने इतना दिया है मुझे प्यार सांवरे।।
तेरे भक्तों का मिला मुझे परिवार है,
जग के रिश्तो से बढ़कर भी ऐतबार है,
कहे ‘मोहित’ मैं मानूँगा तेरा आभार सांवरे,
जबसें आया मैं तेरे दरबार साँवरे,
तूने इतना दिया है मुझे प्यार सांवरे।।
जबसे आया मैं तेरे दरबार सांवरे,
तूने इतना दिया है मुझे प्यार सांवरे,
नहीं भूलूँ कभी भी मैं तेरे उपकार सांवरे,
जबसें आया मैं तेरे दरबार साँवरे,
तूने इतना दिया है मुझे प्यार सांवरे।।
Singer – Nisha Dutt Ji