जब जब कन्हैया ने चुनरी भिगाई होली आई भजन लिरिक्स

जब जब कन्हैया ने,
चुनरी भिगाई,
होली आई होली आई,
होली आई होली आई,
राधा ने जब जब,
रंगोली सजाई,
होली आई होली आई,
होली आई होली आई।bd।



वृन्दावन के कुञ्ज गलिन में,

नाच रहे नर नारी सब,
भर पिचकारी गोपियों ने मारी,
यूँ लागे बनवारी सब,
कोयल ने कुहुँ कुहुँ करके जो,
मीठी ठान सुनाई,
होली आई होली आई,
होली आई होली आई।bd।



प्रीतम मोहे रंग लगाने,

सात समंदर से आओ,
राधा कान्हा संग खेलत है,
मो पे पिया तरस खाओ,
तन मन डोला जब पिया ने,
दर पे सूरत दिखाई,
होली आई होली आई,
होली आई होली आई।bd।



जब जब कन्हैया ने,

चुनरी भिगाई,
होली आई होली आई,
होली आई होली आई,
राधा ने जब जब,
रंगोली सजाई,
होली आई होली आई,
होली आई होली आई।bd।

गायक – रंजन देबनाथ रंज।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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