जब गाय नहीं होगी,
गोपाल कहाँ होंगे,
हम सब इस दुनिया में,
खुशहाल कहाँ होंगे।।
गौ माँ ने सिंघो पर,
धरती ये धारी है,
भोले शिव शंकर की,
नन्दी पे सवारी है,
नन्दी के बिना भोले,
असवार कहाँ होंगे,
जब गाय नही होगी,
गोपाल कहाँ होंगे।।
गौ माता की महिमा,
क्या तुमको बतलाऊं,
नही शक्ति है मुझमें,
मैं इसको लिख पाऊँ,
जब माँ ही रहेगी ना,
तो लाल कहाँ होंगे,
जब गाय नही होगी,
गोपाल कहाँ होंगे।।
गऊ माता की सेवा,
सब दुःख संताप हरे,
भव सागर वह तारे,
वैतरणी पार करे,
गऊ सेवा के बिन हम,
भव पार कहां होंगे,
जब गाय नही होगी,
गोपाल कहाँ होंगे।।
मेरे कृष्ण कन्हियाँ भी,
गऊ सेवा करते है,
गऊ सेवा करने से,
गोविन्द कहाते है,
जब गाय रहेंगी ना,
गोविन्द कहां होंगे,
जब गाय नही होगी,
गोपाल कहाँ होंगे।।
सब वेद पुराण भी,
गऊ महिमा गाते है,
गऊ रक्षा करने को,
भगवान भी आते है,
गऊ वंश जहाँ होगा,
भगवान वहां होंगे,
जब गाय नही होगी,
गोपाल कहाँ होंगे।।
जब गाय नहीं होगी,
गोपाल कहाँ होंगे,
हम सब इस दुनिया में,
खुशहाल कहाँ होंगे।।