जब दुख के बादल छाये कोई राह नजर न आये लिरिक्स

जब दुख के बादल छाये,
कोई राह नजर न आये,
तब बाबोसा ही आकर,
मेरे हर संकट को मिटाये।।



जब जब मैं राह से भटका,

ये मन मेरा घबराया,
मेरा साथी बनके इसने,
मुझे मंजिल तक पहुँचाया,
ओझल हो खुशियाँ आँखों से,
और गम के बस हो साये,
तब बाबोसा ही आकर,
मेरे हर संकट को मिटाये।।



राहों से कांटे चुनकर,

तूने फूलों की सेज बिछाई,
मेरे सुने जीवन में,
खुशियो की गंगा बहाई,
नही तेरे सिवा कोई मेरा,
सब अपने हुए पराये,
तब बाबोसा ही आकर,
मेरे हर संकट को मिटाये।।



बाबोसा जो साथ मेरे,

चाहत न कोई अब मेरी,
हुईं रोशन दुनिया मेरी,
बाबोसा कृपा से तेरी,
बेदाग इस जीवन में,
‘दिलबर’ कोई दाग लगाये,
तब बाबोसा ही आकर,
मेरे हर संकट को मिटाये।।



जब दुख के बादल छाये,

कोई राह नजर न आये,
तब बाबोसा ही आकर,
मेरे हर संकट को मिटाये।।

गायक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
लेखक / प्रेषक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
9907023365


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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