जानता है सब हाल तू मेरे,
फिर भी आकर द्वार पे तेरे,
फरियाद मै करूँगा,
फरियाद मै करूँगा,
जानता है सब हाल तू मेरे।।
तर्ज – चाहूँगा मै तुझे साँझ सवेरे।
आदि भी तू मध्य भी तू,
अंत भी तू अनंत भी तू,
भोलेनाथ,,,
मेरे नाथ आकर तेरे द्वार,
फरियाद मै करूँगा,
फरियाद मै करूँगा,
जानता हैं सब हाल तू मेरे,
फिर भी आकर द्वार पे तेरे,
फरियाद मै करूँगा,
फरियाद मै करूँगा,
जानता है सब हाल तू मेरे।।
मन में जपूँ नित हरी ॐ,
तुझ बिन कौन समझेगा मोए,
भोलेनाथ,,,
मेरे नाथ आकर तेरे द्वार,
फरियाद मै करूँगा,
फरियाद मै करूँगा,
जानता हैं सब हाल तू मेरे,
फिर भी आकर द्वार पे तेरे,
फरियाद मै करूँगा,
फरियाद मै करूँगा,
जानता है सब हाल तू मेरे।।
कहता पवन हे त्रिनयन,
हर तर्षण दे दर्शन,
भोलेनाथ,,,
मेरे नाथ आकर तेरे द्वार,
फरियाद मै करूँगा,
फरियाद मै करूँगा,
जानता हैं सब हाल तू मेरे,
फिर भी आकर द्वार पे तेरे,
फरियाद मै करूँगा,
फरियाद मै करूँगा,
जानता है सब हाल तू मेरे।।
जानता है सब हाल तू मेरे,
फिर भी आकर द्वार पे तेरे,
फरियाद मै करूँगा,
फरियाद मै करूँगा,
जानता है सब हाल तू मेरे।।