इतनी किरपा करना तुम्हे नाथ नहीं भूलूँ भजन लिरिक्स

इतनी किरपा करना,
तुम्हे नाथ नहीं भूलूँ,
मैं तेरी बदौलत हूँ,
ये बात नहीं भूलूँ।।

तर्ज – होंठों से छू लो।



खुशियों के उजाले में,

सब साथ निभाते है,
जब रात हो गम की तो,
कोई नज़र ना आते है,
उस वक़्त दिया तुमने,
मेरा साथ नहीं भूलूँ,
इतनी किरपां करना,
तुम्हे नाथ नहीं भूलूँ।।



कितने ही अपनों से,

तुमने मिलवाया है,
नफरत के पुतले को,
प्रभु प्रेम सिखाया है,
जो तुमसे भरे दिल में,
जज़्बात नहीं भूलूँ,
इतनी किरपां करना,
तुम्हे नाथ नहीं भूलूँ।।



अपनों को भीड़ में जब,

तन्हाई ने घेरा था,
कहने को थे सब अपने,
पर कोई ना मेरा था,
तुमने ही रखा उस पल,
सर पे हाथ नहीं भूलूँ,
इतनी किरपां करना,
तुम्हे नाथ नहीं भूलूँ।।



बेकार था बेबस था,

गुमनाम जहाँ में था,
‘सोनू’ मुझे याद रहे,
था कौन कहाँ मैं था,
कितना ही नाम मिले,
औकात नहीं भूलूँ,
इतनी किरपां करना,
तुम्हे नाथ नहीं भूलूँ।।



इतनी किरपा करना,

तुम्हे नाथ नहीं भूलूँ,
मैं तेरी बदौलत हूँ,
ये बात नहीं भूलूँ।।

Singer – Pt. Rishi Mishra & Bulbul Agarwal


Previous articleकोन्या माने कालजो के तू नई आवैगो लिरिक्स
Next articleमन प्राण बुद्धि हो प्रबल चित्त विमल कर दे शारदे
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here