इस मतलब की दुनिया में कही मिलता सच्चा प्यार नहीं

इस मतलब की दुनिया में,
कही मिलता सच्चा प्यार नहीं,
देख बनाकर श्याम को साथी,
इनसे सच्चा यार नहीं,
इस मतलब की दुनिया में।।

तर्ज – भला किसी का कर न।



भले ही मूर्त बन कर बैठा,

पर है तेरे साथ खड़ा,
आये संकट जब भी तुझ पर,
तुम से पहले श्याम लड़ा,
लोटा हो मायूस कभी कोई,
ये ऐसा दरबार नहीं,
देख बना कर श्याम को साथी,
इन से सच्चा यार नहीं।।



जिसने शीश का दान दिया हो,

उनको क्या तुम परखोगे,
जो ना कृपा इनकी हो तो,
पानी को भी तरसोगे,
मोह माया से रीझता हो ये,
ऐसा साहूकार नहीं,
देख बना कर श्याम को साथी,
इन से सच्चा यार नहीं।।



कहता ‘राज’ की दुःख अपना,

धीरज ना खोना प्यारे,
कही और ना जाना तुम बस,
इनसे ही कहना प्यारे,
श्याम को जिसने जित लिया,
कभी होती उसकी हार नहीं,
देख बना कर श्याम को साथी,
इन से सच्चा यार नहीं।।



इस मतलब की दुनिया में,

कही मिलता सच्चा प्यार नहीं,
देख बनाकर श्याम को साथी,
इनसे सच्चा यार नहीं,
इस मतलब की दुनिया में।।

Singer : Raj Pareek


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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