इस दादा खेडे की घर घर मे जोत जगे हरियाणवी भजन

इस दादा खेडे की,
घर घर मे जोत जगे,
इसकी दुनिया दिवानी सै,
चरणा मे शीश झुके,
इस दादा खेड़े की,
घर घर मे जोत जगे।।



इसकी महिमा नयारी सै,

यो शिव अवतारी सै,
जो दरपे चालया आया,
उसकी तकदीर जगे,
इस दादा खेड़े की,
घर घर मे जोत जगे।।



संतो मे संत बडा,

देवौ मे देव बडा,
कोई ऐसी शकती सै,
इसकी माया अजब लगै,
इस दादा खेड़े की,
घर घर मे जोत जगे।।



शिव नै अवतार लिया,

जग का उददार किया,
इसकी जोत नुरानी सै,
सब सकंट दूर भगै,
इस दादा खेड़े की,
घर घर मे जोत जगे।।



अशोक भगत नै भी,

दर पे शिश झुकाया सै,
यो रवि सैन भी जा,
इसके चरणा मे लागै,
इस दादा खेड़े की,
घर घर मे जोत जगे।।



इस दादा खेडे की,

घर घर मे जोत जगे,
इसकी दुनिया दिवानी सै,
चरणा मे शीश झुके,
इस दादा खेड़े की,
घर घर मे जोत जगे।।

– गायक एवं प्रेषक –
रवि सैन इसराणिया
09812323143


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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