ईन्द्रराजा कद बरसेलो रे राजस्थानी गीत लिरिक्स

ईन्द्रराजा कद बरसेलो रे,
मनडा रो मोरयो,
पिऊ पीऊं बोले दिन रात,
ईन्द्रराजा कद बरसलो रे।।



जेठ असाढा में पड्यो नहीं छाटो,

सावण भादवा में कर बरसात,
ईन्द्रराजा कद बरसलो रे।।



ढांडा ढोर मरे छ तसाया,

गौमाता की सुणले पुकार,
ईन्द्रराजा कद बरसलो रे।।



खेता उबा करसा निहारें,

धरती माता प कर बोछार,
ईन्द्रराजा कद बरसलो रे।।



कूआ बावड़ी सूखा पडग्या,

सरवर भर दे रे जल बरसार,
ईन्द्रराजा कद बरसलो रे।।



छाई घटा बरसे जी पानी,

रमेश प्रजापत यूं लिख गाणी,
हरया बागा में नाचें मन मोर,
ईन्द्रराजा अब बरसेलो रे।।



ईन्द्रराजा कद बरसेलो रे,

मनडा रो मोरयो,
पिऊ पीऊं बोले दिन रात,
ईन्द्रराजा कद बरसलो रे।।

गायक / परहक – रमेश प्रजापत टोंक।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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