इंदौर से चल कर आया हूँ मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए लिरिक्स

इंदौर से चल कर आया हूँ,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे अर्पण के लिए।।

तर्ज – बड़ी दूर से चलकर आया हूँ।



ना रोली मोली चावल है,

ना धन दौलत की थैली है,
ना धन दौलत की थैली है,
दो आंसू बचा कर लाया हूँ,
पूजा तेरी करने के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे अर्पण के लिए।।



ना रंग महल की अभिलाषा,

ना इच्छा सोने चांदी की,
ना इच्छा सोने चांदी की,
तेरी दया की दौलत काफी है,
झोली मेरी भरने के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे अर्पण के लिए।।



बाबा मेरी इच्छा नही,

अब यहां से वापस जाने की,
अब यहां से वापस जाने की,
चरणों में जगह दे दो थोड़ी,
मुझे जीवन भर रहने के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे अर्पण के लिए।।



इंदौर से चल कर आया हूँ,

मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे अर्पण के लिए।।

गायक / प्रेषक – लक्ष्मीनारायण कुमावत इंदौर।
9926025633


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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