ईच्छा है यही मन में,
मैया मेरे जीवन में,
कोई ऐसा भी पल आए,
कोई ऐसा भी पल आए,
जब मुझको गले से माँ,
तू अपने लगाने को,
मूरत से निकल आए,
मूरत से निकल आए,
ईच्छा हैं यहीं मन में।।
तर्ज – अँखियों के झरोखे से।
जब जब सपनो में तेरा,
दीदार करता हूँ,
विनती यही तुमसे मैं माँ,
हर बार करता हूँ,
सपनो की तरह तेरा,
मिलना ये हकीकत में,
एक बार बदल जाए,
एक बार बदल जाए,
ईच्छा हैं यहीं मन में।।
आँखें तेरी मूरत को जब,
निहारा करती हैं,
जाने क्या हो जाता इन्हे,
ये झर झर बहती हैं,
नैना भी यही सोचे,
रोता इन्हे देख कर,
शायद तू पिघल जाए,
शायद तू पिघल जाए,
ईच्छा हैं यहीं मन में।।
मुझ पर तेरा एतबार है,
उपकार हो जाए,
इच्छा मेरी जीवन की ये,
साकार हो जाए,
‘सोनू’ कहे फिर चाहे,
ये प्राण मेरे तन से,
उस पल ही निकल जाए,
उस पल ही निकल जाए,
ईच्छा हैं यहीं मन में।।
ईच्छा है यही मन में,
मैया मेरे जीवन में,
कोई ऐसा भी पल आए,
कोई ऐसा भी पल आए,
जब मुझको गले से माँ,
तू अपने लगाने को,
मूरत से निकल आए,
मूरत से निकल आए,
ईच्छा हैं यहीं मन में।।
Singer – Mulchand Bajaj