नहीं जानते हम तुमको मनाना,
हमसे कन्हैया रूठ ना जाना,
नहीं जानते हम तुमको मनाना।।
तर्ज – तुम्ही मेरे मंदिर।
लायक नहीं हूँ मैं जानता हूँ,
अपने गुनाहों को पहचानता हूँ,
अपना समझ सारी खताए भुलाना,
हमसे कभी तुम रूठ ना जाना,
हमसें कन्हैया रूठ ना जाना,
नहीं जानते हम तुमको मनाना।।
ये पूजन अर्चन ये वंदन ना आए,
कहो श्याम प्यारे तुमको कैसे मनाए,
प्रेम किया है तुमसे प्रेम निभाना,
हमसें कन्हैया रूठ ना जाना,
नहीं जानते हम तुमको मनाना।।
अगर जो ना होता भरोसा तुम्हारा,
दुनिया में कैसे होता गुजारा,
किरपा की छैया कभी ना हटाना,
हमसें कन्हैया रूठ ना जाना,
नहीं जानते हम तुमको मनाना।।
बिन तेरे प्यारे रह नहीं सकता,
दर्द जुदाई का सह नहीं सकता,
अपने ‘सुनील’ को कभी ना भुलाना,
हमसे कन्हैया रूठ ना जाना,
नहीं जानते हम तुमको मनाना।।
नहीं जानते हम तुमको मनाना,
हमसे कन्हैया रूठ ना जाना,
नहीं जानते हम तुमको मनाना।।
गायक – कुमार गिरिराज जी।