हमने आँगन नहीं बुहारा कैसे आयेंगे भगवान भजन लिरिक्स

हमने आँगन नहीं बुहारा,
कैसे आयेंगे भगवान,
कैसे आयेंगे भगवान,
चंचल मन को नहीं संभाला,
कैसे आयेंगे भगवान,
कैसे आयेंगे भगवान।।



हर कोने कल्मष कषाय की,

लगी हुई है ढेरी,
नहीं ज्ञान की किरण कहीं भी,
हर कोठरी अँधेरी,
आँगन चौबारा अँधियारा,
आँगन चौबारा अँधियारा,
कैसे आयेंगे भगवान,
कैसे आयेंगे भगवान।।



हृदय हमारा पिघल ना पाया,

जब देखा दुखियारा,
किसी पन्थ भूले ने हमसे,
पाया नहीं सहारा,
सूखी है करुणा की धारा,
सूखी है करुणा की धारा,
कैसे आयेंगे भगवान,
कैसे आयेंगे भगवान।।



अन्तर के पट खोल देख लो,

ईश्वर पास मिलेगा,
हर प्राणी में ही परमेश्वर,
का आभास मिलेगा,
सच्चे मन से नहीं पुकारा,
सच्चे मन से नहीं पुकारा,
कैसे आयेंगे भगवान,
कैसे आयेंगे भगवान।।



निर्मल मन हो तो रघुनायक,

शबरी के घर जाते,
श्याम सूर की बाँह पकड़ते,
साग विदुर घर खाते,
इस पर हमने नहीं विचारा,
इस पर हमने नहीं विचारा,
कैसे आयेंगे भगवान,
कैसे आयेंगे भगवान।।



हमने आँगन नहीं बुहारा,

कैसे आयेंगे भगवान,
कैसे आयेंगे भगवान,
चंचल मन को नहीं संभाला,
कैसे आयेंगे भगवान,
कैसे आयेंगे भगवान।।

स्वर – मैथिलि ठाकुर।
प्रेषक – दुर्गा प्रसाद पटेल
9713315873


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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