हम लोगों को समझ सको तो समझो दिलबर जानी हिंदी लिरिक्स

हम लोगों को समझ सको तो,
समझो दिलबर जानी,
जितना भी तुम समझोगे,
उतनी होगी हैरानी,
अपनी छतरी तुमको दे दे,
कभी जो बरसे पानी,
कभी नये पैकेट में बेचें,
तुमको चीज़ पुरानी,
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी,
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी,
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी।।



थोड़े अनाड़ी है,

थोड़े खिलाड़ी,
रुक-रुक के चलती है,
अपनी गाड़ी,
हमें प्यार चाहिए,
और कुछ पैसे भी,
हम ऐसे भी हैं,
हम हैं वैसे भी,
हम लोगो को समझ सको तो,
समझो दिलबर जानी,
उलटी-सीधी जैसी भी है,
अपनी यही कहानी,
थोड़ी हम में होशियारी है,
थोड़ी है नादानी,
थोड़ी हम में सच्चाई है,
थोड़ी बेईमानी,
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी,
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी,
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी।।



आँखों में कुछ आँसू हैं,

कुछ सपनें हैं,
आँसू और सपने दोनों,
ही अपने हैं,
दिल दुखा है लेकिन,
टूटा तो नहीं है,
उम्मीद का दामन,
छूटा तो नहीं है,
हम लोगो को समझ सको तो,
समझो दिलबर जानी,
थोड़ी मजबूरी है लेकिन,
थोड़ी है मनमानी,
थोड़ी तू-तू मैं-मैं है और,
थोड़ी खींचा-तानी,
हम में काफ़ी बातें हैं जो,
लगती हैं दीवानी,
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी,
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी,
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी।।



हम लोगों को समझ सको तो,

समझो दिलबर जानी,
जितना भी तुम समझोगे,
उतनी होगी हैरानी,
अपनी छतरी तुमको दे दे,
कभी जो बरसे पानी,
कभी नये पैकेट में बेचें,
तुमको चीज़ पुरानी,
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी,
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी,
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी।।

गायक – उदित नारायण जी।
प्रेषक – गौरव प्रजापति।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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