ओ रे साँवरिया तेरी नगरीया,
तुमसे मिलन को ओ सेठ सांवरे,
हम आ गए खाटू में,
हम आ गए खाटू में।।
ना जाने कौन सा जादू तुमने,
हमपे चलाया सांवरिया,
तुमको ही हरपल ढूंढे है,
अब तो कान्हा मेरी नजरिया,
याद तेरी हमें बहुत आई,
याद तेरी हमें बहुत आई,
हम आ गए खाटू मे,
हम आ गए खाटू में।।
जीवन में चाहे ख़ुशीया या गम हो,
तेरा भरोसा ना कम हो,
सांसो में तेरा ही शुक्रिया हो,
मन में कभी ना अहम हो,
प्रीत तेरी हमें खिंच लाई,
प्रीत तेरी हमें खिंच लाई,
हम आ गए खाटू मे,
हम आ गए खाटू में।।
खाटू में तेरे दर्शन से हमको,
मिलता है चैन प्यारे,
‘मोहित’ भक्तो की किस्मत बाबा,
हांथों से तू ही सँवारे,
हमपे तेरी मस्ती छाई,
हमपे तेरी मस्ती छाई,
हम आ गए खाटू मे,
हम आ गए खाटू में।।
ओ रे साँवरिया तेरी नगरीया,
तुमसे मिलन को ओ सेठ सांवरे,
हम आ गए खाटू में,
हम आ गए खाटू में।।
स्वर – गौरी अग्रवाल।