हे शंभू तिहारी इच्छा से हम,
द्वार तिहारे आए हैं
संताप भरा मन लेकर के,
संताप छुड़ाने आए हैं,
हे शंभु तिहारी इच्छा से हम,
द्वार तिहारे आए हैं।।
हे देवेश्वर हे नीलकंठ,
हे त्रिपुरारी कल्याण करो,
इस जनम मरण के बंधन को,
आसान करो आसान करो,
आसान करो आसान करो,
हम भंग धतूरे और बेल पत्र ले,
तुम्हे मनाने आए है,
हे शंभु तिहारी इच्छा से हम,
द्वार तिहारे आए हैं।।
हे महादेव हे आदिदेव,
हे कामजयी हे कालजयी,
हे काशीवासी हे भोले,
हे गंगाधर हे प्रेममयी,
हे गंगाधर हे प्रेममयी,
हम श्रद्धा सुमन चढ़ाने को ही,
द्वार तिहारे आए है,
हे शंभु तिहारी इच्छा से हम,
द्वार तिहारे आए हैं।।
अंग भभूत कमर बाघम्बर,
भाल चंद्र धारण वाले,
हे करुणाकर हे दिव्यशक्ति,
हे महादेव तारण वाले,
हे मदनमान मर्दन वाले,
हे मदनमान मर्दन वाले,
सर्वस्व लुटाने आए है,
हे शंभु तिहारी इच्छा से हम,
द्वार तिहारे आए हैं।।
हे शंभू तिहारी इच्छा से हम,
द्वार तिहारे आए हैं
संताप भरा मन लेकर के,
संताप छुड़ाने आए हैं,
हे शंभु तिहारी इच्छा से हम,
द्वार तिहारे आए हैं।।
स्वर – व्यासजी मौर्य।