हे पूरण परमात्मा,
विश्व बने धर्मात्मा,
सुखी रहे सब आत्मा,
सुखी रहे सब आत्मा।।
एक मेरी यही प्रार्थना,
दुखी ना हो कोई आत्मा,
एक मेरी यही प्रार्थना,
दुखी ना हो कोई आत्मा,
हे पुरण परमात्मा,
हे पुरण परमात्मा।।
जीव करे आराधना,
रहे ना कोई वासना,
जीव करे आराधना,
रहे ना कोई वासना,
हे पुरण परमात्मा,
हे पुरण परमात्मा।।
रहे अँधेरी रात ना,
भोगे नहीं यम यातना,
रहे अँधेरी रात ना,
भोगे नहीं यम यातना,
हे पुरण परमात्मा,
हे पुरण परमात्मा।।
हे पूरण परमात्मा,
विश्व बने धर्मात्मा,
सुखी रहे सब आत्मा,
सुखी रहे सब आत्मा।।
स्वर – संत श्री कमल किशोर जी नागर।
बहुत बहुत सुंदर
Ati sundar