हे मेरी बेटी तन्नै,
अपणा यो हाल के बणा लिया,
हो मेरे बाबा,
संकट ने जी मेरा खा लिया।।
के कारण क्युं रोई बेटी,
उतरा तेरा चेहरा क्युं,
भक्तां के महां घिरा रह स,
मेरा लयोगे बेरा क्युं,
हमने कितणी लाली अर्जी,
बाबा आगे तेरी मर्जी,
हमने तो अपणा दिल समझा लिया,
हो मेरे बाबा,
संकट ने जी मेरा खा लिया।।
नेम टेम पुरे करके,
चालिसा का पाठ करो,
नेम टेम ना पुगण पावं,
कोसिस तीन सौ साठ करो,
मेरे घर में एक खराबी,
मिल रहया पति शराबी,
दो ब व्रत छुड़ा लिया,
हो मेरे बाबा,
संकट ने जी मेरा खा लिया।।
अपणी लगन लगाएं रखना,
उसने आप सुधारूं मैं,
पति मेरा रस्ते पे आज्या,
जान तेरे पे वारूं मैं,
मेरा करया गात का झोड़ा,
घर में बर्तन भी ना छोड़ा,
देख आड़ः भी यो आ लिया,
हो मेरे बाबा,
संकट ने जी मेरा खा लिया।।
चटका इब करूं मेरी बेटी,
मतनया मन में डरये हे,
हे नेम करेगा दारू का,
मन में धीरज धरये हे,
देखया बालाजी का चटका,
रो रो सिर पायां में पटक्या,
कृष्ण वचन भरा लिया,
हो मेरे बाबा,
संकट ने जी मेरा खा लिया।।
हे मेरी बेटी तन्नै,
अपणा यो हाल के बणा लिया,
हो मेरे बाबा,
संकट ने जी मेरा खा लिया।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )