हे खाटू वाले श्याम क्या खेल रचाया है भजन लिरिक्स

हे खाटू वाले श्याम,
क्या खेल रचाया है,
तू प्यार का सागर है,
तू मन का किनारा है,
हे खाटु वाले श्याम,
क्या खेल रचाया है।।

तर्ज – होंठों से छू लो तुम।



महलो में भी दुःख देखे,

और सड़को पे खुशहाली,
कोई राजा है किस्मत का,
कोई किस्मत से खाली,
सब तेरी लीला है,
सब तेरा फ़साना है,
हे खाटु वाले श्याम,
क्या खेल रचाया है।।



कोई फूलों पे सो ना सके,

कोई कांटो में हँसता है,
कही मौत हुई सस्ती,
कही जीवन महंगा है,
कोई खुशियों में डूबा है,
कोई गम का मारा है,
हे खाटु वाले श्याम,
क्या खेल रचाया है।।



कोई जन्म से पहले मरे,

कोई मर के भी जीता है,
कोई घाव लगाता है,
कोई जख्मों को सीता है,
ये कैसी हकीकत है,
ये कैसा नजारा है,
हे खाटु वाले श्याम,
क्या खेल रचाया है।।



कोई दुःख को भी सुख समझे,

कोई सुख में भी रोता है,
आशा और तृष्णा का,
कभी अंत ना होता है,
इस भूल भुलैया में,
पड़ा दास बेचारा है,
हे खाटु वाले श्याम,
क्या खेल रचाया है।।



हे खाटू वाले श्याम,

क्या खेल रचाया है,
तू प्यार का सागर है,
तू मन का किनारा है,
हे खाटु वाले श्याम,
क्या खेल रचाया है।।

Singer – Saurabh Madhukar


Previous articleरिश्ता तू बना ले श्याम से आराम पाएगा भजन लिरिक्स
Next articleप्रभु मेरे पापों को भुलाकर अपने चरणों का दास बनालो एक बार
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here