हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी,
अम्ब विमल मति दे,
जग सिरमौर बनाएं भारत,
वह बल विक्रम दे,
हे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी,
अम्ब विमल मति दे।।
साहस शील हृदय में भर दे,
जीवन त्याग तपोमय कर दे,
संयम सत्य स्नेह का वर दे,
स्वाभिमान भर दे,
हे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी,
अम्ब विमल मति दे।।
लव कुश ध्रुव प्रहलाद बने हम,
मानवता का त्रास हरे हम,
सीता सावित्री दुर्गा माँ,
फिर घर घर भर दे,
हे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी,
अम्ब विमल मति दे।।
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी,
अम्ब विमल मति दे,
जग सिरमौर बनाएं भारत,
वह बल विक्रम दे,
हे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी
अम्ब विमल मति दे।।
स्वर – इशिका अदिति।
प्रेषक – दुष्यन्त कुमार डनसेना।
7999595103