हेता सु मिले रे सांवरो,
प्रेम ती मिले रे,
अब द्वारिका रो नाथ धणी,
कोड ती मिले रे ए जी।।
बारह वर्ष तक करी तपस्या,
अजमलजी महाराज,
बारह वर्ष तक करी तपस्या,
अजमलजी महाराज,
ए तेरवे वर्ष मिलीया,
द्वारिका रा नाथ रे ए जी।।
ए मूर्ति रे पत्थर मारीयो,
ए अजमलजी महाराज,
मूर्ति रे पत्थर मारीयो,
अजमलजी महाराज,
पुजारी बतादे कठे,
द्वारिका रो नाथ रे ए जी।।
ए वचन मायती वचन निकल्यो,
निकल्यो सिरजनहार,
वचन मायती वचन निकल्यो,
निकल्यो सिरजनहार,
अरे समंदरिया मे कूद गया है,
अजमलजी महाराज रे ए जी।।
ए सागर माई बैठा सावरो,
बैठा आसन ढाल,
सागर माई बैठा सावरो,
बैठा आसन ढाल,
अरे हीरा पन्ना रा बेसना,
सोना जडीया तार रे ए जी।।
ए बडा़ विरमदेव होवसी,
अरे सुनले म्हारी बात,
बड़ा विरमदेव होवसी,
सुनले म्हारी बात,
मास भादवे बीज रा,
लेसु मै अवतार रे ए जी।।
अरे हाथ जोडने बोलीया,
अजमलजी महाराज,
हाथ जोडने बोलीया,
अजमलजी महाराज,
भगता रे वेला रेवजो रे,
द्वारिका रा नाथ रे ए जी।।
हेता सु मिले रे सांवरो,
प्रेम ती मिले रे,
अब द्वारिका रो नाथ धणी,
कोड ती मिले रे ए जी।।
गायक – श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818