हे दुख भंजन गिरिजानंदन करते तीनों लोक हैं वन्दन

हे दुख भंजन गिरिजानंदन,
करते तीनों लोक हैं वन्दन,
पूजा न आपकी जब तक होवे,
शुभ कोई काम न तब तक होवे।।



रिद्धि सिद्धि के तुम हो दाता,

सबके हो तुम भाग्य विधाता,
रिद्धि सिद्धि के संग तुम आना,
देवा गणपति भूल न जाना,
सुनलो विनती गिरिजा नंदन,
आ भी जाओ अब तो भगवन।।



विघ्न विनाशक मंगल कर्ता,

तुम दुख हर्ता तुम सुख कर्ता,
तुम हो जग के पालन कर्ता,
पूजा सारा जग तेरी करता,
मेरा घर भी करदो चंदन,
मेरे घर प्रभू रखदो चरणन।।



शिव शंकर के प्यारे लालन,

आज पधारो मेरे आंगन,
मोदक लड्डू भोग है पावन,
मूषक का तुम्हे प्यारा वाहन,
करदो आज सफल यह जीवन,
‘शिव’ को लेकर अपनी शरणन।।



हे दुख भंजन गिरिजा नन्दन,

करते तीनों लोक हैं वन्दन,
पूजा न आपकी जब तक होवे,
शुभ कोई काम न तब तक होवे।।



हे दुख भंजन गिरिजानंदन,

करते तीनों लोक हैं वन्दन,
पूजा न आपकी जब तक होवे,
शुभ कोई काम न तब तक होवे।।

स्वर – राजीव तोमर।
लेखक / प्रेषक – शिवनारायण जी वर्मा।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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