हवा गगन में घूम रही मेरे बाबा की भजन लिरिक्स

हवा गगन में घूम रही,
मेरे बाबा की,
मेरे बाबा की,
मेरे लाला की,
हवा गगन मे घूम रही,
मेरे बाबा की।।



भक्तां में ऊँचा नाम तेरा स,

मेंहदींपुर में धाम तेरा स,
साथी खाटू श्याम तेरा स,
भवन में पेशी झुम रही,
मेरे बाबा की,
हवा गगन मे घूम रही,
मेरे बाबा की,
मेरे बाबा की,
मेरे लाला की,
हवा गगन मे घूम रही,
मेरे बाबा की।।



अंजनी माँ का जाया स यो,

घाटे के महां आया स यो,
टोहया जिसने पाया स यो,
माच जगत में धूम रही,
मेरे बाबा की,
हवा गगन मे घूम रही,
मेरे बाबा की,
मेरे बाबा की,
मेरे लाला की,
हवा गगन मे घूम रही,
मेरे बाबा की।।



तेरे भवन प शीश झुकावे,

श्रध्दा कर क फुल चढावे,
तेरे नाम की अर्जी लावे,
भवन में जनता झुम रही,
मेरे बाबा की,
हवा गगन मे घूम रही,
मेरे बाबा की,
मेरे बाबा की,
मेरे लाला की,
हवा गगन मे घूम रही,
मेरे बाबा की।।



गुरू मुरारी सत का सरणां,

तेरे भवन प धर दीया धरणां,
तन्नै बाबा सब कुछ करणां,
तेरी भक्ती में दुनिया रुम रही,
हवा गगन मे घूम रही,
मेरे बाबा की,
मेरे बाबा की,
मेरे लाला की,
हवा गगन मे घूम रही,
मेरे बाबा की।।



हवा गगन में घूम रही,

मेरे बाबा की,
मेरे बाबा की,
मेरे लाला की,
हवा गगन मे घूम रही,
मेरे बाबा की।।

स्वर – नरेंद्र कौशिक।
भजन प्रेषक,
राकेश कुमार
9992976579


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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