हरि आया छे गोकुल तारवा ने भजन लिरिक्स

हरि आया छे गोकुल तारवा ने,
तारवा तारवा उबारवा ने,
हरि आयां छे गोकुल तारवा ने।।



मासी पूतना रा प्राण हरने,

मामा कंस को तो मारवा ने,
हरि आयां छे गोकुल तारवा ने।।



मात पिता का फंद छुड़ावन,

देवन को दु:ख टारवा ने,
हरि आयां छे गोकुल तारवा ने।।



बाॅंहे नख पर गिरवर धरसी,

इन्द्र को घमंड उतारवा ने,
हरि आयां छे गोकुल तारवा ने।।



नाग नाथ हरि बाहिर करसी,

यमुना रो नीर सुधारवा ने,
हरि आयां छे गोकुल तारवा ने।।



निजभक्तन हित काज पधारया,

धरती रो भार उतारवा ने,
हरि आयां छे गोकुल तारवा ने।।



हरि आया छे गोकुल तारवा ने,

तारवा तारवा उबारवा ने,
हरि आयां छे गोकुल तारवा ने।।

स्वर – संत श्री रामप्रसाद जी महाराज।
Upload By – Keshav


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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