हर रूप में रंग में ढंग में तू श्री विष्णु भजन लिरिक्स

हर रूप में रंग में,
ढंग में तू,
नहरों नदियों में,
तरंग में तू,
हे परम पिता जगदीश मेरे,
प्रभु प्रेम उमंग में तू ही तू।।



तू बनकर सूर्य प्रकाश करे,

कहीं शीतल चाँद का रूप धरे,
तारों में तेरा रूप सुघर,
तट नीर तरंग में तू ही तू,
हर रूप मे रंग मे,
ढंग में तू,
नहरों नदियों में,
तरंग में तू।।



कहीं पर्वत पेड़ समुद्र बना,

तू बीज बना बन जीव जना,
कहीं शीत पवन बनकर के बहे,
बस मीन बिहंग में तू ही तू,
हर रूप मे रंग मे,
ढंग में तू,
नहरों नदियों में,
तरंग में तू।।



तेरा सात स्वरों में है रूप मधुर,

बन कृष्ण धरे मुरली को अधर,
राजेंन्द्र कहे है परम् पिता,
मेरे अंग में संग में तू ही तू,
हर रूप मे रंग मे,
ढंग में तू,
नहरों नदियों में,
तरंग में तू।।



हर रूप में रंग में,

ढंग में तू,
नहरों नदियों में,
तरंग में तू,
हे परम पिता जगदीश मेरे,
प्रभु प्रेम उमंग में तू ही तू।।

– गीतकार, स्वर व प्रेषक –
राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
8839262340


Previous articleराम के भजन बिना लग है ना पार भजन लिरिक्स
Next articleक्या है भरोसा इस देह का भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here