हनुमत जैसा रुप तुम्हारा,
कोठारी कुल उजियारा,
हो माँ छगनी का प्यारा,
भक्तो का पालनहारा,
बाबोसा नाम तुम्हारा,
प्राणों से भी प्यारा,
हनुमत जेसा रुप तुम्हारा,
कोठारी कुल उजियारा।।
तर्ज – रब जैसा रूप तुम्हारा।
शीश मुकुट है कानो में कुंडल,
हाथ में घोटा सोहे,
तन केसरिया बागा पहने,
रूप ये मन को मोहे,
जैसे सूरज जैसे चंदा,
वैसे चमके बाबा हमारा,
हनुमत जेसा रुप तुम्हारा,
कोठारी कुल उजियारा।।
फूलों की खुशबू में तुम हो,
कलियों में तुमसे रंग है,
रोशन है दुनिया ये तुमसे,
रहते हो भक्तो के संग है,
तू ही सहारा नाथ हमारा,
‘दिलबर’ तुझपे जीवन वारा,
हनुमत जेसा रुप तुम्हारा,
कोठारी कुल उजियारा।।
हनुमत जैसा रुप तुम्हारा,
कोठारी कुल उजियारा,
हो माँ छगनी का प्यारा,
भक्तो का पालनहारा,
बाबोसा नाम तुम्हारा,
प्राणों से भी प्यारा,
हनुमत जेसा रुप तुम्हारा,
कोठारी कुल उजियारा।।
गायक – नदीम भाई।
रचनाकार – दिलीपसिंह सिसोदिया दिलबर।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365