हंसा सुन्दर काया रो मत करजे अभिमान भजन लिरिक्स

हंसा सुन्दर काया रो,
मत करजे अभिमान,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,
आखिर एक दिन जाणो रे,
सायब रे दरबार।।



गरब वास मे दुख पायो,

जद हरि से करी पुकार,
पल भर बुलु नाहि रे,
कोल वचन किरतार,
हंशा सुन्दर काया रो,
मत करजे अभिमान,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार।।



आकर के संसार मे,

कभी ना भजियो राम,
तिरथ वरत ना किनो रे,
नही कीनो सुकरत काज,
हंशा सुन्दर काया रो,
मत करजे अभिमान,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार।।



कुटम कबिलो देख के,

गरब कीयो मन माय,
हंश अकेलो जासी रे,
कोय नही संग मे जाय,
हंशा सुन्दर काया रो,
मत करजे अभिमान,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार।।



राम नाम री बान्ध गाठडी,

कर ले सुकरत कार,
कहै कबीर सुनो भाई साधु,
आखिर आसी राम,
हंशा सुन्दर काया रो,
मत करजे अभिमान,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार।।



हंसा सुन्दर काया रो,

मत करजे अभिमान,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,
आखिर एक दिन जाणो रे,
सायब रे दरबार।।

– यह भजन ताराचंद जी
7734893189 द्वारा,
राजस्थानी भजन डायरी से,
जोड़ा गया। आप भी अपना पूरा भजन,
टाइप करके यूट्यूब लिंक के साथ,
एप्प से जोड़ सकते है।


Previous articleद्वारे आए है मैया मोहे दर्शन दे दो आदि भवानी भजन लिरिक्स
Next articleभोमिया जी रमता पधारो म्हारे आंगणिया भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

2 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here