हो के नाचूं अब दिवाना,
मैं प्रभु श्रीराम का,
है सहारा अब मुझे तो,
राम सकल गुणधाम का,
है सहारा अब मुझें तो,
राम सकल गुणधाम का।।
कुटिया को पावन कर डाली,
शबरी के घर जाय के,
धन्य शबरी को कर डाली,
बैर झूठे खाय के,
अपने घर प्रभू को बुलाया,
नाम जप कर राम का,
है सहारा अब मुझें तो,
राम सकल गुणधाम का।।
तारी जैसे गौतम नारी,
एक ठोकर मार के,
मेरी भी किस्मत जगादो,
एक ठोकर मार के,
एक वर दे दो प्रभू जी,
मुझको भक्ति दान का,
है सहारा अब मुझें तो,
राम सकल गुणधाम का।।
तुमने लाखों को है तारा,
मुझपे भी कर दो दया,
मैं हूं एक बालक छोटा सा,
शरण तुम्हारी आ गया,
‘शिव’ के घट में भी जलादो,
एक दीपक ज्ञान का,
है सहारा अब मुझें तो,
राम सकल गुणधाम का।।
हो के नाचूं अब दिवाना,
मैं प्रभु श्रीराम का,
है सहारा अब मुझे तो,
राम सकल गुणधाम का,
है सहारा अब मुझें तो,
राम सकल गुणधाम का।।
गायक – भजन सम्राट फूलबाबू पांडेय।
लेखक / प्रेषक – शिव नारायण वर्मा।
7987402880