हार को मेरी बाबा जीत बनाकर,
गले से लगा लो,
मुझको अपना बनाकर,
हार कों मेरी बाबा जीत बनाकर।।
हूँ किस्मत का मारा,
मैं जग का सताया,
जिन्हें माना अपना,
उन्ही ने रुलाया,
उन्ही ने रुलाया,
दुनिया के झूठे नाते,
सारे ठुकराकर,
शरण तेरी आया श्याम,
खुद को भुलाकर,
हार कों मेरी बाबा जीत बनाकर,
गले से लगा लो,
मुझको अपना बनाकर,
हार कों मेरी बाबा जीत बनाकर।।
है रुतबा बड़ा तेरा,
ये मैंने सुना है,
सताये हुओं को ही,
तुमने चुना है,
तुमने चुना है,
आया जो खाटू तुमको,
अपना बनाकर,
दिया है सहारा तुमने,
उसको उठाकर,
हार कों मेरी बाबा जीत बनाकर,
गले से लगा लो,
मुझको अपना बनाकर,
हार कों मेरी बाबा जीत बनाकर।।
नही मांगता कुछ तुमसे,
है ये साथ काफी,
मेरी जीत में तेरा बाबा,
हाथ है काफी,
हाथ है काफी,
‘मोहित’ को बाबा प्यारे,
खाटू बुलाकर,
दरश दिखा दो मुझको,
अपना बनाकर,
हार कों मेरी बाबा जीत बनाकर,
गले से लगा लो,
मुझको अपना बनाकर,
हार कों मेरी बाबा जीत बनाकर।।
हार को मेरी बाबा जीत बनाकर,
गले से लगा लो,
मुझको अपना बनाकर,
हार कों मेरी बाबा जीत बनाकर।।
– गायक एवं प्रेषक –
Singer Ladla Mohit
9627658621