हार के श्याम बाबा मैं तेरे दरबार बैठा हूँ भजन लिरिक्स

दुरंगे इस ज़माने से,
मैं हिम्मत हार बैठा हूँ,
ठोकरें खा के दर दर की,
मैं हो लाचार बैठा हूँ,
चूर सपने हुए सारे,
चली जब वक्त की आंधी,
हार के श्याम बाबा मैं,
तेरे दरबार बैठा हूँ।bd।

तर्ज – कोई दीवाना कहता है।



जिन्हे हंसना सिखाया था,

उन्होंने ही रुलाया है,
जिनके वास्ते हरपल,
मैंने सबकुछ लुटाया है,
पोंछ आंसू हमेशा जख्म पर,
मरहम लगाया है,
मुसीबत के समय में साथ,
हंसकर के निभाया है,
आज उन सब की नज़रों में,
बना बेकार बैठा हूँ,
हार के श्याम बाबा मै,
तेरे दरबार बैठा हूँ।bd।



फंसी मजधार में नैया,

किनारा आप बन जाओ,
है चारो ओर अँधियारा,
सितारा आप बन जाओ,
है पांडव कुल के उजियारे,
बड़ी महिमा निराली है,
तो बेबस बेसहारे का,
सहारा आप बन जाओ,
लुटा कर लाज की पूंजी,
सरे बाजार बैठा हूँ,
Bhajan Diary Lyrics,
हार के श्याम बाबा मै,
तेरे दरबार बैठा हूँ।bd।



बड़ी आशा लगी तुमसे,

मुझे तुम ही उबारोगे,
मेरी कश्ती के बन माझी,
किनारे पर उतारोगे,
कृपा दृष्टि से जिस दिन आप,
‘रजनी’ को निहारोगे,
मेरे जीवन के रखवाले,
ये जीवन तुम संवारोगे,
भरोसे छोड़ कर तेरे,
मैं अब पतवार बैठा हूँ,
हार के श्याम बाबा मै,
तेरे दरबार बैठा हूँ।bd।



दुरंगे इस ज़माने से,

मैं हिम्मत हार बैठा हूँ,
ठोकरें खा के दर दर की,
मैं हो लाचार बैठा हूँ,
चूर सपने हुए सारे,
चली जब वक्त की आंधी,
हार के श्याम बाबा मैं,
तेरे दरबार बैठा हूँ।bd।

Singer – Rajni Rajasthani


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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