गुरुसा कद तो आवोला,
म्हारे देश में,
देश में देश में देश में,
मैं तो ऊबी ऊबी,
जोऊ थारी बांट दयालु,
कद तो आवोला म्हारे देश में।।
गुरुसा अगुणो अठुणो बाजे,
बायरो बायरो बायरो,
अठे मोटोड़ी छांटा रो,
बरसे मेह दयालु,
कद तो आवोला म्हारे देश में।।
गुरुसा ऊंचा चुणाऊ मंदिर मालिया,
मालिया मालिया,
थारे घुमण ने राखू,
मोटो चौक दयालु,
कद तो आवोला म्हारे देश में।।
गुरुसा बाग लगायो थारे कारणे,
कारणे कारणे,
थोड़ा घुमण रे मिस,
आओ दयालु,
कद तो आवोला म्हारे देश में।।
गुरुसा ऊंडा खुदाऊ कुआँ बावड़ी,
बावड़ी बावड़ी,
थारे नावण ने राखू,
मोटो होद दयालु,
कद तो आवोला म्हारे देश में।।
गुरुसा आप रे कारणिये गऊ बांधली,
बांधली बांधली,
थाने मिसरी रो,
दुध पिलाऊ दयालु,
कद तो आवोला म्हारे देश में।।
गुरुसा भक्त मंडल री आई विनती,
विनती विनती,
म्हारों अभकोडो़,
जनम सुधारों दयालु,
कद तो आवोला म्हारे देश में।।
गुरुसा कद तो आवोला,
म्हारे देश में,
देश में देश में देश में,
मैं तो ऊबी ऊबी,
जोऊ थारी बांट दयालु,
कद तो आवोला म्हारे देश में।।
स्वर – संत श्री रामप्रसाद जी महाराज।