गुरुदेव पिलादी वो अमर ओम जड़ी भजन लिरिक्स

गुरुदेव पिलादी वो अमर ओम जड़ी,

दोहा – सतगुरु मेरे सिर धनी,
और पीरा से बड़ पीर,
गुरु बगधारी धीर ने,
गुरु आण बंधावे धीर।
आण बंधावे धीर,
खींचकर बाहर काडे,
सोम शब्द सुनाएं,
काग से हंस बनावे।



गुरुदेव पिलादी वो अमर ओम जड़ी,

मारा दाता पीलादी वो अमर ओम जड़ी,
ओम जड़ी अमर ओम जड़ी,
गुरुदेव पिलादी रे अमर ओम जड़ी।।



चारों वेद ओम से जाणु,

पूर्ण ब्रह्म ओम पहचाणु,
सुरती भर माई रे अमर ओम जड़ी,
गुरुदेव पिलादी रे अमर ओम जड़ी।।



गीता में अर्जुन को पिलाई,

सारा संचय दूर भगाई,
सब रूप दिखाई रे अमर ओम जड़ी,
गुरुदेव पिलादी रे अमर ओम जड़ी।।



नाम रटे नामी पद पावे,

भव में लौट कभी नहीं आवे,
सागर लहर समाई रे अमर ओम जड़ी,
गुरुदेव पिलादी रे अमर ओम जड़ी।।



परमानंद भारती प्यारा,

ओम शब्द मोहे दिया सत सारा,
भारती चेतन गाई रे अमर ओम जड़ी,
गुरुदेव पिलादी रे अमर ओम जड़ी।।



गुरुदेव पिलादी रे अमर ओम जड़ी,

मारा दाता पीलादी वो अमर ओम जड़ी,
ओम जड़ी अमर ओम जड़ी,
गुरुदेव पिलादी रे अमर ओम जड़ी।।

गायक – श्री विश्राम जी महाराज।
प्रेषक – मदन मेवाड़ी।
8824030646


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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