गुरूदेव मेरे गुरूदेव मेरे,
तेरा कोई भी शानी नही है,
तुझसा कोई भी दानी नही है,
गुरूदेव मेरे गुरूदेव मेरे।।
तर्ज – महबूब मेरे महबुब मेरे।
देकर दान नाम का तुमने,
दुख सब हर डाले,
देते हो अनमोल रतन पर,
कुछ भी न माँगे,
जैसे तुम हो दयालू,
ऐसा कोई भी नही है,
गुरूदेव मेरे गुरूदेव मेरे।।
नही निराश किया है,
अपने भक्तो को तुमने,
जिसने जो भी माँगा है,
पाया है उसने,
ऐसी महिमा है निराली,
कही देखी ही नही है,
गुरूदेव मेरे गुरूदेव मेरे।।
चरण शरण में आया हूँ,
मै भी ओ दाता,
सदा निभाते रहना यूँ,
अपना ये नाता,
तेरी कृपा के सिवा कोई,
चाहत ही नही है,
गुरूदेव मेरे गुरूदेव मेरे।।
गुरूदेव मेरे गुरूदेव मेरे,
तेरा कोई भी शानी नही है,
तुझसा कोई भी दानी नही है,
गुरूदेव मेरे गुरूदेव मेरे।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923
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